गुरूजी प्रणाम !! मैं आपसे अपना एक अनुभव शेयर करना चाहती हूँ…… अभी दो दिन पहले की बात है, मैं दिल्ली के “राजीव चौक मेट्रो स्टेशन” पर उतरी थी,और वहां से दूसरी मेट्रो बदलकर घर लौटना था,वहां पर एक सज्जन जो मेरे पीछे आ रहे थे और उनके पास एक भारी सी अटैची और एक बैग था । मुझे बार-बार उन के सामान के टकराने से धक्का लग रहा था, तो मैंने उनसे कहा कि आप पहले आगे निकल जाइए,तो इस पर वो कहने लगे कि “मुझे तुम्हारी कुछ मदद चाहिए…..”.. .मुझे लगा कि वो कहेंगे कि मेरी सामान उठाने में मदद कर दो, पर वो बोले….”कि आप मेरे लिए प्रार्थना करो ।” मैने कहा ठीक है, कर लुंगी प्रार्थना आप के लिए । तो कहने लगे कि “अभी करो जिससे मेरे कष्ट दूर हो जाएं।” वहां कॉफी शॉप के सामने की दीवार के पास ठहरकर, मैंने जैसे ही उनके लिए प्रार्थना करने के उद्देश्य से हाथ जोड़े….और प्रार्थना आरम्भ की…अचानक ही वो सज्जन और उनके सामान का आकार ऐसे बदलने लगा.जैसे पानी का भाप में बदलता है…..और इस प्रकार उनके molecular structure को बदलते देख कर तो मुझे डर भी लगने लगा…. मैंने तुरंत आपके द्वारा प्राप्त उर्जित मंत्रों का मानसिक जाप आरम्भ कर दिया…. तो वह सज्जन अपने सामान सहित एक दम गायब हो गये | इस अविश्वसनीय घटना से मैं स्तब्ध रह गई, कृपया मार्गदर्शन करें |
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