चैत्र नवरात्रि 2019 साधना का 6वां दिन था…. पूरी आस्था और विश्वास से रात्रि कालीन साधना मे दीपक प्रज्जवलित किया और माता का ध्यान और आव्हान किया । गुरु-ईष्ट मंत्रों के पश्चात् माता के मंत्रों की माला का जाप शुरू हुआ तो मुझे शमशान में एक वृद्ध महिला के दर्शन हुए… वो ऐसे बैठी हुई थी….मानो कुछ सोच रही हो…मैंने सोचा उनसे पूंछू पर नहीं पूछ पाया क्योंकि माला का जाप पूर्ण हो गया था । उसके पश्चात माता के अन्य मंत्र का जाप शुरू किया. और देखा वहीं वृद्ध महिला मुसकुराते हुये आशीर्वाद की मुद्रा मे देख रही है और अपने रथ मे बैठ कर मेरी तरफ़ आ रही है और इतने मे जाप पूर्ण हो गया । और आज एक घटना और घटी…जैसे ही मैंने पूजन शुरू किया…एक छुछुन्दर माता की चौकी के नीचे आकर बैठ गया और आवाज करने लगा और भोग को भी खाने लगा और फिर भोग को थोड़ा सा खाकर चला गया । अंत मे आरती और माता से क्षमा प्रार्थना किया ।
ॐ गुरुवे नमः …….कहते हैं गुरु वो चंदन हैं जो स्वयं को घिसकर अपने शिष्य को महकाता है । आज गुरु की दी गई शिक्षा हमें सन्मार्ग पर ले जा रही है और हमारे जीवन को नया आयाम दे रही है ।
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