प्रणाम गुरुवर !! इस गुप्त नवरात्रि में, आज की साधना पूर्ण हुई…यह बहुत ही कठिन साधना है…शरीर से पसीना- पसीना बहने लगा और मेरा पूरा शरीर थरथराने लगा …एक बात और….उर्जित मंत्र जाप के समय कभी शरीर झूमने लगता है, और कभी नींद बहुत जोर से आती है. गुरुवर, यह नौ दिवसीय साधना आरंभ की है, तो अब जैसे शुरू किया वैसे ही समाप्त भी करुँगी..बाकि आप है ना गुरुवर….सब मैं आप पर और माँ पर छोड़ती हूं ,मेरा भाव सरल है आज अचानक रजनीगंधा के पुष्पों की महक आने लगी और माँ की प्रतिमा पर इतनी तेज रौशनी मैंने पहले कभी नहीं देखी,…… ——गुरुवर और अद्भुत अनुभव हुआ जब मैं लास्ट मंत्र जाप कर रही थी तब अचानक एक बालक की छवि की अनुभूति हुई जैसे वो सामने खड़ा है और शरीर मे जोर का करंट दौड़ गया और लेफ्ट साइड के हाथ मे जोर का करंट लगा. फिर आँखें अपने आप बन्द हो गईं और मंत्र चलना शुरू हो गया…. सब आपकी कृपा है ……
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